तुलसी माता की पारंपरिक विदाई और धार्मिक रस्में सम्पन्न
प्रशासन ने सुरक्षा, प्रकाश और व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा
शाम को 21 हजार दीपों से आलोकित होगा श्रवण धाम
अंबेडकरनगर। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को जनपद का वातावरण पूर्णतः धार्मिक आस्था और भक्ति से सराबोर दिखाई दिया। सरयू तट के घाटों सहित जिले के प्रमुख तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही स्नान, दान और पूजन का क्रम निरंतर चलता रहा। घाटों पर हर-हर गंगे और जय श्रीराम के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
सरयू तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जनपद के विभिन्न घाटों पर कार्तिक स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। विशेष रूप से गोविंद साहब और श्रवण धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सुबह चार बजे से ही घाटों पर आस्था का प्रवाह उमड़ पड़ा था। श्रद्धालुओं ने सरयू में डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य किया और मंदिरों में दर्शन-पूजन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रवण धाम में आस्था और परंपरा का संगम
श्रवण क्षेत्र स्थित बिसुही और मड़हा नदी के संगम तट पर कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली के पावन मेल से धार्मिक उल्लास का अद्भुत नजारा देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान की आराधना की और पवित्र दीपदान कर पुण्य अर्जित किया। यहां स्थित प्रसिद्ध श्रवण मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।
तुलसी माता की हुई पारंपरिक विदाई
कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही तुलसी विवाह की पूर्णाहुति के रूप में तुलसी माता की विदाई की रस्म श्रद्धा और परंपरा के साथ संपन्न की गई। महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के बीच तुलसी माता का पूजन किया और परिवार की मंगलकामना करते हुए तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त किया।






