- “एक देश, एक विधान” के सिद्धांत पर कार्यकर्ताओं को किया जागरूक
- अकबरपुर नगर मंडल संगोष्ठी में एमएलसी डॉ. हरिओम पांडे रहे मुख्य वक्ता
- मंडल स्तर पर हुआ विचार विमर्श और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण
अंबेडकरनगर। भारतीय जनसंघ के संस्थापक और देश की एकता-अखंडता के प्रबल पक्षधर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर रविवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनपद के सभी मंडलों में संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। “एक देश, एक विधान” के सिद्धांत को जनमानस तक पहुंचाने वाले डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उनके जीवन और बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
अकबरपुर नगर मंडल में एमएलसी ने किया संबोधन
अकबरपुर नगर मंडल की संगोष्ठी में भाजपा एमएलसी डॉ. हरिओम पांडे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1953 में कश्मीर में धारा 370 के विरुद्ध संघर्ष करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने यह नारा दिया था—“एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे”—जो आज भी भाजपा की मूल विचारधारा का हिस्सा है।
जनसंघ की नींव से भाजपा की यात्रा तक
डॉ. पांडेय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने केवल 33 वर्ष की आयु में विश्वविद्यालय के कुलपति पद को ग्रहण किया और शिक्षा जगत में ऐतिहासिक योगदान दिया। 1951 में उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जिसने आगे चलकर भाजपा का रूप लिया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन राष्ट्रनिष्ठा, विचारधारा और सिद्धांतों की मिसाल है।
More Stories
श्रावण कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन सतर्क
कांग्रेस की नीति को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान तेज
चर्म रोगों के निदान हेतु निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित