- डिजिटल श्रमिकों को मिलेगा श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ
- ई-श्रम पोर्टल के जरिए श्रमिकों को मिलेगा कानूनी दर्जा
- पंजीकरण प्रक्रिया सरल, मुफ्त सेवा उपलब्ध
अम्बेडकरगर । डिजिटल युग ने न केवल नए अवसरों को जन्म दिया है, बल्कि लाखों श्रमिकों को भी रोजगार के नए रास्ते दिखाए हैं। ओला-उबर से लेकर फूड डिलीवरी, हेल्थकेयर, और ट्रैवेल एजेंसीज से जुड़े श्रमिक, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं, अब तक सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित थे। लेकिन अब भारत सरकार ने इन श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल के जरिए बड़ी पहल की है।
सहायक श्रमायुक्त कार्यालय की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्यरत श्रमिकों को भी श्रमिक के रूप में मान्यता प्राप्त होगी। इसके माध्यम से इन श्रमिकों को न केवल संविधानिक पहचान मिलेगी, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, आयुष्मान भारत, जन आरोग्य योजना, मनरेगा, और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा।
अब तक जिले में पांच लाख से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जो इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि, डिजिटल वर्कफोर्स, जो अनुबंध पर काम करता है, पहले इस सुरक्षा कवच से बाहर था। अब, ये श्रमिक भी सुरक्षा के दायरे में आएंगे।
ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से उन श्रमिकों को भी मान्यता मिलेगी, जो फूड डिलीवरी, ड्राइवर, ऑनलाइन हेल्थकेयर असिस्टेंट, ट्रैवेल एजेंट या बुकिंग सर्विस प्रोवाइडर के रूप में काम कर रहे हैं। इन श्रमिकों को चिकित्सा, बीमा, पेंशन, और दुर्घटना सहायता जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
सहायक श्रमायुक्त राजबहादुर यादव ने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल है। इच्छुक श्रमिक केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड और आधार से लिंक मोबाइल नंबर के साथ किसी भी नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाकर ई-श्रम पोर्टल पर मुफ्त पंजीकरण करा सकते हैं।
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