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साढ़े दस साल बाद खुला डॉक्टर तिवारी का सरकारी आवास

  • 10 साल बाद सरकारी आवास खोलने पर मिली 22.48 लाख की पुरानी करेंसी
  • दिवंगत डॉ. बीएन तिवारी के कमरे से बरामद हुईं नोटों की गड्डियां
  • पुराने नोटों में 1000 और 500 के प्रतिबंधित मूल्य वर्ग के नोट शामिल

अंबेडकरनगर। जिले में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रहे दिवंगत डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी के साढ़े दस वर्षों से बंद पड़े सरकारी आवास को जब शुक्रवार को खोला गया तो जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम भी हैरान रह गई। लंबे समय से बंद पड़े इस आवास से 22 लाख 48 हजार पांच रुपये की पुरानी करेंसी बरामद हुई है। बरामद राशि में अधिकतर नोट प्रतिबंधित मूल्य वर्ग के हैं। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई थी, लेकिन किसी प्राथमिकी की पुष्टि नहीं हुई है।

2014 में संदिग्ध हालात में हुई थी मौत
डॉ. बीएन तिवारी मूल रूप से प्रतापगढ़ जनपद के रामगढ़ा के निवासी थे। वर्ष 2007 में वह स्थानांतरित होकर अंबेडकरनगर जनपद आए थे और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात हुए थे। वह सीएचसी मीरानपुर के परिसर में बने चिकित्सकों के सरकारी आवास के ग्राउंड फ्लोर के पश्चिमी हिस्से में अकेले रहते थे। 29 जनवरी 2014 को वह अपने आवास में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। सुबह जब उनके आवास का ताला तोड़ा गया, तब शव बरामद किया गया था। उसी दिन शाम को विभाग ने उनके कमरे को सील कर दिया था।

मरम्मत कार्य के दौरान खुला कमरा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएचसी परिसर स्थित आवासों की मरम्मत की योजना बनी तो सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने जिलाधिकारी अनुपम शुक्ल से इस कमरे को खोलने की अनुमति मांगी। स्वीकृति मिलने के बाद दो सदस्यीय टीम गठित की गई जिसमें डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज कुमार एवं डॉ. मारकंडेय प्रसाद शामिल थे। वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच कमरा खोला गया।