- ठेकेदार की फर्जीवाड़े की पोल कैसे खुली?
- बार-बार शिकायत के बाद भी चुप क्यों रहा विभाग?
- किस आधार पर कोर्ट ने दिया एफआईआर का आदेश?
अम्बेडकरनगर । अम्बेडकरनगर जिले में एक ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण कार्य के लिए फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र पेश किए जाने का मामला सामने आया है। इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधा यादव ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
मामला क्या है?
शिकायतकर्ता हरे कृष्ण त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि मेसर्स अखिल कुमार सिंह और उनके सहयोगियों ने लोक निर्माण विभाग से निविदा (टेंडर) हासिल करने के लिए नकली अनुभव प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया। जांच में पाया गया कि यह प्रमाणपत्र किसी दूसरी फर्म के नाम से जारी किया गया था, जो पूरी तरह से गलत था।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई थी कार्रवाई
त्रिपाठी ने विभागीय अधिकारियों से कई बार एफआईआर दर्ज करने की मांग की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तुरंत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू करने के निर्देश दिए।
कोर्ट का सख्त आदेश
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि पुलिस संबंधित कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज करे और जांच करे।
- एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया गया।
- उच्च न्यायालय के सर्कुलर के अनुसार तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
अब क्या होगा?
पुलिस को अब ठेकेदार और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करना होगा। साथ ही, जांच करके यह पता लगाना होगा कि क्या वाकई में धोखाधड़ी हुई थी। अगर आरोप सही पाए गए, तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
इस मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस को एक्शन लेना पड़ा है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और क्या दोषियों को सजा मिल पाती है।
More Stories
कैसे गरीब परिवार को घूस देने पर मजबूर किया गया? वीडियो में सब कुछ!
कैसे बन रही है अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की चेन?
विभागीय कार्यों की अनदेखी से बिजली उपकेंद्रों में क्यों आ रही है समस्याएँ?