- पोषण पखवाड़े की मुख्य थीम: जीवन के पहले 1000 दिन
- समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन को प्राथमिकता
- पोषण जागरूकता गतिविधियाँ: हर पंचायत तक पहुँच
अम्बेडकरनगर। अम्बेडकरनगर जिले में “स्वस्थ बचपन, सशक्त भारत” के उद्देश्य को साकार करने के लिए 8 अप्रैल से 25 अप्रैल तक पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और कन्वर्जेंस विभागों के अधिकारियों को प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
पोषण अभियान का राष्ट्रीय दृष्टिकोण
पोषण अभियान, जिसे प्रधानमंत्री ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए शुरू किया, अब देश की भावी पीढ़ियों के पोषण स्तर को सुधारने की दिशा में काम कर रहा है। इस वर्ष के पोषण पखवाड़ा की थीम “जीवन के पहले 1000 दिन” है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के पहले दो वर्षों तक विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अम्बेडकरनगर को आदर्श मॉडल बनाना
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले को पोषण के क्षेत्र में आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत पोषण रैलियां, प्रभात फेरी, पोषण मेले, एनीमिया जागरूकता शिविर, योगा सत्र, पोषण वाटिका निर्माण और रेसिपी प्रदर्शन जैसी गतिविधियां सभी ब्लॉकों और पंचायतों में आयोजित की जाएंगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
अम्बेडकरनगर में आंगनबाड़ी केंद्रों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि पोषण वाटिकाओं की सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
सामूहिक प्रयास से पोषण अभियान की सफलता
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि पोषण अभियान की सफलता केवल महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, जल शक्ति, कृषि और खाद्य आपूर्ति जैसे सभी विभागों की साझा जिम्मेदारी है। सभी अधिकारियों से आह्वान किया गया कि वे अपने दायित्वों को समर्पण भाव से निभाते हुए पोषण पखवाड़े को प्रेरणादायी बनाएं।
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