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इमाम हुसैन की शहादत की याद में निकले ताजिया जुलूस

  • जिले भर में मोहर्रम पर ताजिया जुलूसों का शांतिपूर्ण आयोजन
  • किछौछा दरगाह कर्बला मैदान में देश-विदेश से पहुंचे जायरीन
  • जुलूसों में नोहाखानी और पारंपरिक मातम का दृश्य रहा भावुक

अंबेडकरनगर। नवास-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में रविवार को जिले भर में ताजिया जुलूसों का आयोजन हुआ। प्रशासन की कड़ी निगरानी और शांतिपूर्ण माहौल में ताजिए कर्बला मैदानों तक पहुंचे। जुलूसों में अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए गमगीन फिजा में मातम किया।

कर्बला मैदान में एकजुट हुए अकीदतमंद
किछौछा दरगाह स्थित कर्बला मैदान पर सुबह से ही देश-विदेश से आए जायरीनों का पहुंचना शुरू हो गया। हुजूरी ताजिया, निजामुद्दीननगर, अशरफनगर और किछौछा बाजार से लाए गए ताजियों को यहां स्थापित किया गया। नवीं मोहर्रम की रात दरगाह से निकला हुजूरी ताजिया सलामी गेट और प्रमुख मार्गों से होता हुआ कर्बला मैदान स्थित इमाम चौक पहुंचा।

जुलूसों में मातम और नोहाखानी का आयोजन
अलग-अलग स्थानों से निकले ताजिया जुलूसों में अजादारों ने नोहा पढ़ते हुए मातम किया। “या अली”, “या हुसैन” के नारों से वातावरण शोकपूर्ण हो उठा। मातम के दौरान कई अजादार पारंपरिक जंजीरों और कमा के माध्यम से मातम करते दिखे। शाम होते-होते जुलूसों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिली।

जानशीन सैयद मुहामिद अशरफ ने चढ़ाई फूलों की चादर
बसखारी से निकला अलम जुलूस जैसे ही कर्बला मैदान पहुंचा, जानशीन सैयद मुहामिद अशरफ ने ताजिए पर फूल चढ़ाए और फातिहा पढ़ी। इसके बाद इमाम हुसैन की याद में दुआ की गई और नियर शरीफ तट पर परंपरा के अनुसार ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।