- संविदा कर्मियों के निजी कामों से बिजली उपकेंद्रों में कैसे आई अराजकता?
- अधिकारीयों के निजी कार्यों के लिए संविदा कर्मियों की तैनाती, एक गंभीर समस्या।
- उपकेंद्रों पर विभागीय जिम्मेदारियों की अनदेखी से उपभोक्ताओं को हो रही कठिनाइयाँ।
अम्बेडकरनगर। जिले के बिजली उपकेंद्रों पर तैनात संविदा कर्मियों की कार्यप्रणाली में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। अधिकारीयों के निजी कार्यों में व्यस्त होने के कारण उपकेंद्रों पर कर्मचारियों द्वारा विभागीय जिम्मेदारियों की उपेक्षा की जा रही है। इस बदलाव के कारण उपभोक्ताओं को बिजली से जुड़ी समस्याओं के समाधान में देरी हो रही है, और स्थानीय फाल्ट ठीक करने में भी समय लग रहा है।
अधिकारियों की निजी गाड़ियों में संविदा कर्मियों की तैनाती
मीडिया की जांच में यह बात सामने आई कि कुछ संविदा कर्मियों को अधिकारियों के निजी कामों के लिए तैनात किया गया है। टांडा न्यू पावर हाउस पर तैनात सतेंद्र कुमार पाठक को वरिष्ठ अभियंता की गाड़ी चलाने का कार्य सौंपा गया है, जबकि कलेसर पावर हाउस पर तैनात धर्मेंद्र कुमार पाठक उप खंड अधिकारी की गाड़ी चला रहे हैं। इसके अलावा, बलयाजगदीशपुर के 33/11 केवी सब स्टेशन में तैनात दानप्रताप सिंह की कार्यस्थली का कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिल पाया है, और दिवाकर उपाध्याय, जो न्यू टांडा पावर हाउस में कार्यरत हैं, उन्हें बलयाजगदीशपुर में काम करने के लिए भेजा जा रहा है।
उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी
इस स्थिति के कारण बिजली से जुड़ी शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हो पा रहा है। उपभोक्ताओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और उनकी शिकायतों का समय पर निपटारा न होने से असंतोष बढ़ता जा रहा है। यह घटनाक्रम विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, और अधिकारियों से त्वरित सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
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