- अध्यक्ष ने कुर्सी हटाने और अभद्र व्यवहार के आरोप लगाए
- भाजपा नेताओं ने जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की
- डीएम ने संविदा कर्मचारियों और टेंडर प्रक्रियाओं की जांच के लिए समिति बनाई
अंबेडकरनगर। भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी और नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद प्रजापति के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को हुई तीखी बहस के बाद शुक्रवार को चेयरमैन विनोद प्रजापति ने राजेसुल्तानपुर के वसुधा सिंह स्मारक के सामने लगभग साढ़े पांच घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।
धरने के दौरान अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष पर कार्यालय में उनकी कुर्सी से हटाने और अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए। वहीं, जिलाध्यक्ष ने आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को निर्दोष बताया और कहा कि अध्यक्ष भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
विवाद की शुरुआत: 10 सभासदों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
मामला उस समय उभरा जब 10 सभासदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष और कार्यपालक अधिकारी लक्ष्मी चौरसिया के खिलाफ भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ मिलकर डीएम के पास शिकायत दर्ज कराई। आरोप थे कि टेंडर प्रक्रिया में 30 से 40 प्रतिशत कमीशनखोरी हो रही है। कागजों पर अधिक कर्मचारियों को दर्शाकर भुगतान किया जा रहा है, जबकि असल में सफाई कर्मचारी कम ही तैनात हैं।
इस शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए। एसडीएम आलापुर सुभाष सिंह जांच के लिए नगर पंचायत पहुंचे, जहां भाजपा जिलाध्यक्ष भी मौजूद थे। इसी दौरान चेयरमैन ने जिलाध्यक्ष के कार्यालय में मौजूदगी पर आपत्ति जताई और उन्हें अपनी कुर्सी से हटाने का आरोप लगाया।
धरना प्रदर्शन, पुलिस व राजनीतिक हस्तक्षेप
अध्यक्ष विनोद प्रजापति ने शुक्रवार को समर्थकों के साथ धरना शुरू किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार है और किसी और का दबदबा नहीं चलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कुर्सी से हटाकर धमकी दी गई।








