- सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर की जमानत पर सुनवाई खत्म की
- याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर ध्यान देने की अपील की
- एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई खत्म कर दी है। यह याचिका पीड़ितों में से एक के पिता, निसार अहमद ने 2017 में दायर की थी। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का किया निर्णय
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट ने कहा कि मामले में एनआईए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस याचिका पर आगे सुनवाई नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने इस तर्क को मानते हुए कहा कि जब ट्रायल कोर्ट में जल्द ही फैसला आने वाला है, तो इस याचिका पर आगे विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एनआईए कोर्ट ने 19 अप्रैल को रखा फैसला सुरक्षित
एनआईए कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस विस्फोट में सात लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मामले में 108 गवाहों से पूछताछ की गई है।
8 मई को फैसला सुनाए जाने की संभावना
प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि मामले का फैसला 8 मई को सुनाया जा सकता है और सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया है।
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