- फवाद खान की वापसी पर क्यों भड़का फिल्म वर्कर्स संगठन?
- क्या पाकिस्तानी कलाकारों के लिए बॉलीवुड में अब कोई जगह नहीं?
- ‘अबीर गुलाल’ क्यों बन गई भारत-पाक रिश्तों का मुद्दा?
नई दिल्ली । पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’, जो 9 मई को रिलीज होने वाली थी, अब भारतीय सिनेमाघरों या ओटीटी पर कभी नहीं दिखाई जाएगी। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने फिल्म पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया।
AICWA ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट जारी कर कहा कि फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की मौजूदगी “देश की सुरक्षा और शहीदों के सम्मान के खिलाफ” है। संगठन ने फिल्म के निर्माताओं से इस फैसले पर स्पष्टीकरण भी मांगा है कि क्या वे भविष्य में इसे किसी भी माध्यम से रिलीज करना चाहते हैं।
“फवाद खान का भारत विरोधी रुख अस्वीकार्य”
AICWA ने आरोप लगाया कि फवाद खान ने भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था और “भारत के खिलाफ खड़े होकर आतंकवाद समर्थक रुख अपनाया था।” पोस्ट में लिखा गया, “फवाद खान ने शांति और न्याय की जगह ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। जब कोई कलाकार ऐसे देश का समर्थन करता है जो आतंक को संरक्षण देता है, तो उसे ‘आतंक समर्थक’ कहना गलत नहीं।”
AICWA ने फिल्म इंडस्ट्री से पूछे तीखे सवाल
संगठन ने सवाल किया कि जब दुनिया में हजारों कलाकार मौजूद हैं, तो फिर भारतीय निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों को क्यों चुनते हैं। “क्या इनकी कला इतनी अनोखी है कि देश की गरिमा को दांव पर लगाया जाए?” AICWA ने बॉलीवुड और अन्य क्षेत्रीय फिल्म इंडस्ट्री से स्पष्ट रुख अपनाने की अपील करते हुए कहा कि यह वक्त है तय करने का – “आप भारत के साथ हैं या आतंक समर्थक देश के समर्थकों के साथ?”
पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध दोहराया
AICWA ने साफ कहा कि पुलवामा हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंध को दोबारा दोहराया जा रहा है, और सभी पाकिस्तानी कलाकारों, सिंगरों, फिल्मकारों और फाइनेंसरों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा।
“देश के साथ खड़े हों, या राष्ट्र आपकी चुप्पी याद रखेगा”
AICWA ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से आह्वान किया है कि वह देश, सेना और सरकार के साथ खड़ी हो, और आतंकी ताकतों के खिलाफ एकजुटता दिखाए। “जो आज चुप रहेंगे, उन्हें कल उनकी चुप्पी के लिए याद किया जाएगा।
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