- 40 साल पुराने भूमि अधिग्रहण विवाद पर किसानों का एलडीए मुख्यालय घेराव
- 13 सूत्री मांगों को लेकर किसानों का धरना जारी
- कहा— प्रशासन ने लिखित वादे तोड़े, अब आर-पार की लड़ाई
लखनऊ। लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन (राष्ट्रीयवाद) ने बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के खिलाफ जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। हाथों में हल और डंडा लेकर पहुंचे किसानों ने एलडीए दफ्तर का घेराव किया और ‘जो ना माने झंडे से, उसे समझाओ डंडे से’ के नारे लगाए। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान शामिल हुए।
किसानों ने एलडीए मुख्यालय के गेट पर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया और अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की।
किसान नेता अशोक यादव ने आरोप लगाया कि “पिछले 40 सालों से किसानों को केवल गुमराह किया जा रहा है। वर्ष 1984 में एलडीए ने हमारी जमीन का अधिग्रहण किया था, लेकिन अब तक उचित मुआवजा और वादा की गई सुविधाएं नहीं दी गईं।”
उन्होंने बताया कि उस समय जमीन का मुआवजा 84 पैसे प्रति वर्ग फीट तय हुआ था। बाद में कई दौर की वार्ता और कोर्ट के आदेश के बाद दर ₹4.60 प्रति वर्ग फीट तय हुई। “2016 में कोर्ट ने अंतिम मोहर लगाई थी कि सभी किसानों को 4.60 रुपये दर से मुआवजा दिया जाए, लेकिन एलडीए धनराशि की कमी का हवाला देकर टालमटोल कर रहा है,” यादव ने कहा।
किसानों का कहना है कि जमीन लेते समय एलडीए ने प्रत्येक परिवार को नौकरी, आवास, गांव का विकास और किसान भवन निर्माण जैसी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन 40 साल बाद भी एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।








