- फिल्म इंडस्ट्री में दरवाजे कैसे खुलते हैं? नुसरत ने सुनाया अपना अनुभव
- आउटसाइडर होने के दर्द को बयां करती नुसरत भरुचा की बेबाक बातचीत
- “किससे मांगूं नंबर?” – नुसरत का सवाल जो सोचने पर मजबूर कर दे
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरुचा इन दिनों अपनी नई फिल्म ‘छोरी 2’ के लिए सुर्खियों में हैं, लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने इंडस्ट्री में ‘नेपोटिज्म’ (भाई-भतीजावाद) पर अपने मन की बात खुलकर रखी। उन्होंने कहा कि फिल्मी परिवारों से जुड़े एक्टर्स को बाहरी लोगों के मुकाबले ज्यादा आसानी से मौके मिलते हैं।
उनके पास हैं वो दरवाजे, जिनका मुझे पता भी नहीं
यूट्यूब पॉडकास्ट ‘शुभंकर मिश्रा’ को दिए इंटरव्यू में नुसरत ने कहा, “फिल्मी परिवार के एक्टर्स को फायदा जरूर मिलता है, क्योंकि उन्हें इंडस्ट्री की समझ होती है। अगर वे किसी को नहीं जानते, तो उनके माता-पिता जानते हैं। इसी वजह से वे उन जगहों तक पहुंच जाते हैं, जहां मैं नहीं पहुंच सकती। वे उन दरवाजों पर दस्तक दे सकते हैं, जिनके बारे में मुझे पता भी नहीं होता।” हालांकि, उन्होंने साफ किया कि वे स्टार किड्स को ‘नेपो किड्स’ कहना पसंद नहीं करतीं। उन्होंने सोनाक्षी सिन्हा और श्रद्धा कपूर का उदाहरण देते हुए कहा, “हर किसी का अपना संघर्ष होता है। हां, उनके पास कुछ रास्ते जरूर होते हैं, जो मेरे पास नहीं, लेकिन कोई बात नहीं।”
खुद मैसेज करके मांगा काम
नुसरत ने बताया कि उन्होंने कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स को खुद मैसेज करके काम मांगा। “एक दिन कबीर खान ने जवाब दिया और मुझे मिलने बुलाया,” उन्होंने कहा। उन्होंने लव रंजन, हंसल मेहता और विशाल फुरिया जैसे फिल्मकारों को अपना सपोर्ट सिस्टम बताया, जो हमेशा उनके साथ खड़े रहे।








