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लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर घमासान: सरकार और विपक्ष आमने-सामने

  • 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल
  • विपक्ष ने चर्चा के लिए अधिक समय की मांग की, सरकार तैयार
  • अखिलेश यादव, ओवैसी ने बिल का विरोध किया, योगी बोले- सुधार जरूरी

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill 2024) को लेकर संसद में घमासान मचा हुआ है। 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसके लिए 8 घंटे की चर्चा तय की गई है। विपक्ष ने चर्चा का समय बढ़ाने की मांग की है, जिस पर सरकार विचार कर रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे समय की जरूरत बताया है। लोकसभा में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस बिल को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है और यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्मा सकता है।

वक्फ संशोधन बिल पर सरकार और विपक्ष में टकराव

वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस पर कुल 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है, लेकिन विपक्ष ने 12 घंटे की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने संकेत दिया है कि चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है।

योगी आदित्यनाथ ने बिल का समर्थन किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वक्फ संपत्तियों में सुधार समय की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड अब निजी स्वार्थ का केंद्र बन गया है और सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे का जरिया बन रहा है

विपक्ष का कड़ा विरोध, अखिलेश और ओवैसी हमलावर

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है और वक्फ संपत्तियों पर पूरा नियंत्रण चाहती है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “वक्फ बर्बाद बिल” बताया और कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ एक साजिश है।

लोकसभा में जोरदार हंगामा, कार्यवाही स्थगित

बिल को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। प्रश्नकाल समाप्त होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे स्पीकर ओम बिरला को सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

क्या होगा आगे?

अगर यह बिल लोकसभा में पास हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस पर विपक्ष और सरकार के बीच मतभेद जारी हैं, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ सकती है।