- अब आतंकी हमले को युद्ध जैसी प्रतिक्रिया क्यों?
- पहलगाम हमले के बाद बदली भारत की सुरक्षा नीति
- क्या पाकिस्तान के खिलाफ हो सकती है सैन्य कार्रवाई?
नई दिल्ली। भविष्य में भारत की सरजमीं पर होने वाला हर आतंकी हमला अब ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा। सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया है कि भारत अब ऐसे किसी भी हमले का जवाब युद्ध जैसे सख्त तरीके से देगा। यह सख्त रुख हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सामने आया है।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हाई-लेवल बैठक की। 24 घंटे के भीतर यह उनकी सेना प्रमुखों के साथ दूसरी बैठक थी, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता साफ झलकती है।
‘एक्ट ऑफ वॉर’ का क्या है आधार?
भारत में ‘एक्ट ऑफ वॉर’ को तय करने का कोई एकल कानून नहीं है। यह फैसला संविधान, भारतीय दंड संहिता (IPC), रक्षा कानूनों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के आधार पर सरकार द्वारा लिया जाता है। आम तौर पर भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता या नागरिकों पर सीधा हमला यदि किसी बाहरी ताकत या प्रायोजित आतंकी संगठन की ओर से होता है, तो उसे ‘युद्ध की कार्यवाही’ माना जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति में बदलाव से भारत की कूटनीतिक और सामरिक प्रतिक्रिया में स्पष्टता और कठोरता आएगी। यह संदेश न केवल सीमा पार आतंक को समर्थन देने वालों को जाएगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को मजबूती मिलेगी।
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