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दर्शन के लिए निकले थे, लौटे पांच शवों के साथ
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मासूम श्री की कफ़न में लिपटी देह देख हर आंख नम
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देवरानी की चीखें, झूला और खिलौने रह गए सूने
लखनऊ। जयपुर में रविवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में लखनऊ के बालागंज निवासी एक ही परिवार के पांच लोगों की जान चली गई। मृतकों में 35 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह, उनकी पत्नी और बैंक मैनेजर प्रियांशी, सात माह की बेटी श्री, पिता सत्य प्रकाश और मां रामा देवी शामिल हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार खाटू श्याम दर्शन के लिए जयपुर जा रहा था।
हाईवे पर मनोहरपुरा मोड़ के पास उनकी कार की सीधी टक्कर एक ट्रेलर से हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेलर भी सड़क से नीचे पलट गया और कार के परखच्चे उड़ गए। पुलिस को शवों को निकालने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी।
हादसे की खबर रविवार सुबह करीब 8:30 बजे परिवार को मिली। उस वक्त घर के लोग नाश्ता कर रहे थे कि जयपुर से रिश्तेदार का फोन आया और पूरे परिवार की मौत की खबर सुनाई। यह सुनते ही पूरा घर गम में डूब गया। अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु तत्काल जयपुर के लिए रवाना हुए।
सोमवार को लखनऊ में जब पांचों शव पहुंचे, तो मातम का ऐसा मंजर था जिसने हर किसी को झकझोर दिया। देवरानी ज्योति, प्रियांशी की तस्वीर को सीने से लगाए कहती रहीं – “भाभी उठो न… देखो श्री तुम्हारी गोद में है…”। बच्ची श्री के झूले के पास रखे खिलौने अब भी उसके इंतज़ार में हैं, मगर उन्हें पकड़ने वाली नन्हीं मुस्कान अब कभी नहीं लौटेगी।
परिवार के चार लोगों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया, जबकि मासूम श्री के शव को मामा और ताऊ ने दफनाया। हिमांशु ने कांपते हाथों से चार अर्थियों को मुखाग्नि दी। यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं।
इस हादसे से ठीक एक दिन पहले अभिषेक ने मैनपुरी में अपने भांजे का जन्मदिन मनाया था। तीन दिन की छुट्टी में दर्शन, जन्मदिन और बेटे जियांशु का मुंडन होना था, लेकिन अब इन सभी मौकों की जगह मातम पसरा है। इस भीषण हादसे ने एक खुशहाल परिवार को हमेशा के लिए खामोशी में बदल दिया।
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