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बिजली कटौती से नटखेड़ा बाजार में हाहाकार- व्यापारियों ने जताया रोष

  • दिनभर में 20-25 बार कटौती
  • बाजार अंधेरे में डूबा
  • अधिकारियों से नहीं मिल रहा जवाब

लखनऊ। आलमबाग स्थित नटखेड़ा बाजार के व्यापारी इन दिनों बिजली संकट से बुरी तरह त्रस्त हैं। इलाके में दिनभर में 20 से 25 बार बिजली कटौती हो रही है, जिससे बाजार की रौनक खत्म हो गई है और व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ गया है। व्यापारियों का कहना है कि अघोषित बिजली कटौती ने न दिन का सुकून छोड़ा है और न रात की नींद।

अधिकारियों से नहीं मिल रहा जवाब

व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनीष अरोड़ा ने बताया कि यह समस्या बीते एक सप्ताह से लगातार बनी हुई है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कटौती का कोई निश्चित समय नहीं है। कभी सुबह 6 बजे बिजली चली जाती है, तो कभी रात 8 बजे। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन न कोई समाधान मिला और न ही अधिकारी फोन उठाते हैं। कस्टमर केयर से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।

बाजार में शाम होते ही अंधेरा, ग्राहक नहीं टिकते

व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री राजेश ने कहा कि बिजली कटौती इतनी गंभीर है कि सुबह से लेकर रात तक लाइट का कोई भरोसा नहीं है। शाम होते ही बाजार अंधेरे में डूब जाता है, जिससे ग्राहक आना कम कर देते हैं और जो आते भी हैं, वे अधिक देर रुक नहीं पाते। गर्मी के कारण व्यापारी एक घंटे पहले ही दुकानें बंद करने को मजबूर हैं।

बिजली-पानी दोनों की मार

व्यापारी विवेक कुमार सक्सेना ने कहा कि बिजली न होने से मोटर नहीं चल पाती, जिससे पानी की भी किल्लत हो गई है। छुट्टियों के समय में घरों में मेहमान आए हुए हैं, लेकिन बिजली-पानी की दिक्कत ने सबको परेशान कर दिया है।

इन्वर्टर भी फेल, व्यापार चौपट

व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि कटौती इतनी अधिक है कि इन्वर्टर भी जवाब दे जाते हैं। बिजली आती है तो थोड़ी देर में फिर चली जाती है। दिनभर में लगभग 25 बार लाइट जाती है। गर्मी और अंधेरे के कारण ग्राहक बाजार का रुख ही नहीं कर रहे। व्यापारियों को समय से पहले दुकानें बंद करनी पड़ रही हैं, जिससे उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

व्यापारियों ने उठाई समाधान की मांग

व्यापारियों ने जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे।