- अदालत में पेश न होने पर वकील ने जताया विरोध, गैर-जमानती वारंट की मांग पर कोर्ट रहा शांत
- हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, अब सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना
- राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने की थी शिकायत
लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एसीजेएम-3 (ACJM-3) आलोक वर्मा की अदालत में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के चलते 14 अप्रैल को न्यायालय में अवकाश था, जिसके कारण अगली सुनवाई की तारीख अब 26 अप्रैल तय की गई है। शिकायतकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय के वकील ने राहुल गांधी के अदालत में पेश न होने पर नाराजगी जताई और गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करने की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने इस पर कोई आदेश पारित नहीं किया और स्पष्ट किया कि अब सुनवाई निर्धारित तिथि 26 अप्रैल को ही होगी।
क्या है मामला?
यह मामला 17 दिसंबर 2022 का है, जब राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशनधारी’ बताया था। इस टिप्पणी को लेकर देशभर में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था और कई स्थानों पर उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थीं।
उच्च न्यायालय से राहत नहीं
राहुल गांधी के वकील ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने 2 अप्रैल को उन्हें कोई राहत नहीं दी और याचिका को खारिज कर दिया। अब यह संभावना जताई जा रही है कि राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
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