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क्यों लखनऊ में इंदिरा गांधी को याद कर चला NSUI का खास अभियान?

  • इंदिरा गांधी के साहसिक फैसलों की याद में लखनऊ में खास अभियान
  • क्या इंदिरा गांधी जैसा नेतृत्व आज फिर जरूरी है?
  • NSUI नेता प्रणव पांडेय ने दिखाई इंदिरा को श्रद्धांजलि देने की नई राह

लखनऊ।  नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के राष्ट्रीय सचिव एडवोकेट प्रणव पांडेय ने सोमवार को लखनऊ स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर “भारत को इंदिरा की याद” थीम पर होर्डिंग लगवाकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस अभियान में 1971 के युद्ध में भारत की निर्णायक जीत और 1974 के पोकरण परमाणु परीक्षण को उनके “साहसिक फैसले” बताया गया।

‘इंदिरा जी के फैसले आज भी प्रेरणा देते हैं’

होर्डिंग में इंदिरा गांधी के ऐतिहासिक निर्णयों को प्रदर्शित किया गया—एक तरफ 1971 में पाकिस्तान को करारी हार देने वाली नेता, तो दूसरी ओर परमाणु परीक्षण कर विश्व को चकित करने वाली प्रधानमंत्री। पांडेय ने कहा, “इंदिरा जी ने हर चुनौती में देश की रक्षा की। आज की युवा पीढ़ी को यह याद दिलाना ज़रूरी है कि ऐसा नेतृत्व विरले ही मिलता है।”

‘पुष्प की अभिलाषा…’ और इकबाल की पंक्तियों से श्रद्धांजलि

पांडेय ने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता “पुष्प की अभिलाषा है…” और अल्लामा इकबाल की लिखी “कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी…” का उल्लेख करते हुए कहा कि ये पंक्तियाँ इंदिरा गांधी के बलिदान और दृढ़ नेतृत्व को दर्शाती हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “आज देश को फिर से ऐसे ही मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है।”

NSUI का संदेश: ‘इंदिरा होना आसान नहीं’

इस अभियान के माध्यम से NSUI ने इंदिरा गांधी की राष्ट्रवादी छवि को रेखांकित किया और युवाओं से उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। पांडेय ने कहा, “1971 के युद्ध और पोकरण जैसे फैसले साबित करते हैं कि इंदिरा जी का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।”