- कैसे भारतीय तीरंदाजों ने शंघाई में किया कमाल
- क्या खास रहा भारत की मेन्स टीम की गोल्ड जीत में?
- महिला टीम की फाइनल में हार – कहां चूकी भारत की रणनीति?
नई दिल्ली। शंघाई में चल रहे आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज-2 में भारतीय तीरंदाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इवेंट्स में तीन पदक अपने नाम किए। कंपाउंड इवेंट में पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का परचम लहराया, वहीं महिला टीम ने रजत पदक के साथ शानदार प्रदर्शन किया। मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत को कांस्य पदक हासिल हुआ।
मैक्सिको को हराकर मेन्स टीम ने जीता गोल्ड
भारतीय पुरुष टीम ने कंपाउंड टीम इवेंट के फाइनल मुकाबले में मैक्सिको को 232-228 के स्कोर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। टीम में अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव शामिल थे। मुकाबले की शुरुआत में ही भारत ने 59-57 की बढ़त ले ली थी। दूसरे राउंड में मैक्सिको ने वापसी करते हुए स्कोर 115-115 से बराबर कर दिया, लेकिन तीसरे राउंड में भारत ने 58 अंक बनाकर फिर से बढ़त हासिल की। आखिरी राउंड में भारतीय तिकड़ी ने शानदार 59 अंक जोड़े, जबकि मैक्सिको 56 ही बना सका, जिससे भारत को ऐतिहासिक जीत मिली।
महिला टीम को फाइनल में हार, सिल्वर से संतोष
भारतीय महिला टीम को फाइनल में मैक्सिको के हाथों 231-234 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। टीम में ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धामनगांवकर और चिकिथा तानिपार्थी शामिल थीं। हालांकि फाइनल में हार के बावजूद टीम ने प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल कर देश को गौरवान्वित किया।
मिक्स्ड इवेंट में भी भारत को ब्रॉन्ज
अभिषेक वर्मा और मधुरा धामनगांवकर की जोड़ी ने मिक्स्ड टीम इवेंट में तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में मलेशिया को हराकर कांस्य पदक जीता। 24 वर्षीय मधुरा के लिए यह खास उपलब्धि रही, क्योंकि उन्होंने करीब तीन साल बाद इंटरनेशनल सर्किट में वापसी की है। उनकी पिछली उपस्थिति 2022 में मेडेलिन में आयोजित वर्ल्ड कप स्टेज-4 में हुई थी।
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