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कैसे बिना परमिट बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों के लिए बना संकट

  • निजी बस ऑपरेटरों की समस्याएँ: क्या सरकार की नीतियाँ सही हैं
  • रोडवेज की बिना परमिट बसों से निजी ऑपरेटरों को क्यों हो रहा नुकसान
  • झांसी में बस ऑपरेटरों का विरोध: क्या RTO पर कार्रवाई हो पाएगी

झांसी। निजी बस ऑपरेटर्स और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) के बीच टकराव गहराता जा रहा है। निजी संचालकों ने आरोप लगाया है कि रोडवेज बिना परमिट उनके रूट्स पर बसें चला रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

हमारे पेट पर लात मार रहा है रोडवेज

जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप कुमार यादव की अध्यक्षता में बुधवार को बस स्टैंड स्थित कार्यालय में आपात बैठक हुई। इस दौरान ऑपरेटर्स ने कहा, “रोडवेज हमारे पेट पर लात मार रहा है। बिना परमिट हमारे रूट्स पर बसें दौड़ा रहा है, जिससे हमें सवारियां नहीं मिल पा रही हैं।”

किन रूट्स पर चल रही हैं अवैध बसें

निजी ऑपरेटर्स ने बताया कि यूपी रोडवेज झांसी-टहरौली, झांसी-टोड़ीफतेहपुर, ककरवई, चिरगांव, कुरैठा, गरौठा और राठ मार्ग पर बिना परमिट बसें संचालित कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रोडवेज स्टाफ मनमाने तरीके से बसें चला रहा है और निजी बसों के आगे रोडवेज की बसें लगाकर सवारियां भर ली जाती हैं।

RTO ने नहीं की कोई कार्रवाई

ऑपरेटर्स ने कहा कि उन्होंने RTO (राज्य परिवहन प्राधिकरण) को कई बार शिकायत की, लेकिन सरकारी विभाग होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। “हम परमिट लेकर बसें चला रहे हैं, फिर भी हमारा व्यापार चौपट हो रहा है,” उन्होंने कहा।

अब बस का खर्च भी नहीं निकल पा रहा

बैठक में मौजूद ऑपरेटर्स मोहम्मद जावेद, राकेश यादव, अशोक यादव, राघवेंद्र सिंह बुंदेला, प्रदीप गुप्ता और अन्य ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो वे बसों का डीजल और मेंटेनेंस खर्च भी नहीं उठा पाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अगले कदम की तैयारी

एसोसिएशन ने अब उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजने और यदि आवश्यक हुआ तो धरना-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि सरकार को निजी बस ऑपरेटर्स के हितों की रक्षा करनी चाहिए, वरना सैकड़ों लोगों का रोजगार खतरे में पड़ जाएगा।