न्यूयॉर्क। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती यूनिट मजीद ब्रिगेड पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। यह प्रस्ताव पाकिस्तान और चीन की ओर से सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में पेश किया गया था। दोनों देशों ने BLA और मजीद ब्रिगेड को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की थी।
पाकिस्तान ने बैठक में दावा किया कि BLA, मजीद ब्रिगेड, अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे संगठन अफगानिस्तान की जमीन से काम कर रहे हैं और सीमा पार हमले कर रहे हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद को अपनी सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती बताया।
हालांकि अमेरिका ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि BLA को अल-कायदा से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अमेरिका ने कहा कि इस वजह से इसे संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। इस सूची में आने वाले संगठनों पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियार खरीदने पर रोक लग जाती है।
बता दें कि अमेरिका ने पिछले महीने ही BLA और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित किया था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बताया था कि BLA ने 2024 में कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक करने की भी जिम्मेदारी इस संगठन ने ली थी, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए और 300 से अधिक यात्री बंधक बन गए।
बलूचिस्तान में कई लोग मानते हैं कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक स्वतंत्र देश के रूप में रहना चाहते थे, लेकिन उनकी मर्जी के बिना उन्हें पाकिस्तान में शामिल किया गया। इसी वजह से बलूचिस्तान में सेना और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष आज भी जारी है।
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