- गोलकोंडा ब्लू- भारतीय इतिहास और विश्व के सबसे मूल्यवान हीरों में शुमार
- JAR का कलात्मक डिजाइन- हीरे को मिली नई पहचान
- क्रिस्टीज की नीलामी-अमीरों और संग्रहकर्ताओं के लिए खास मौका
नई दिल्ली। भारत की शाही विरासत से जुड़ा मशहूर हीरा ‘गोलकोंडा ब्लू’ पहली बार नीलामी में बिकने जा रहा है। यह 23.24 कैरेट का चमकदार नीला हीरा है, जिसे पेरिस के प्रसिद्ध ज्वेलरी डिजाइनर JAR ने एक खूबसूरत अंगूठी में जड़ा है। इसे 14 मई को जिनेवा में क्रिस्टीज नीलामी घर द्वारा बेचा जाएगा। इसकी कीमत 35 से 50 मिलियन डॉलर (300-430 करोड़ रुपये) के बीच आंकी गई है।
क्रिस्टीज का कहना है कि इतने दुर्लभ और ऐतिहारे बहुत कम ही नीलामी में आते हैं। इससे पहले भी क्रिस्टीज ने कई प्रसिद्ध गोलकोंडा हीरे बेचे हैं, जैसे अर्चड्यूक जोसेफ, प्रिंसी और विटेल्सबाख हीरे।
इंदौर के महाराजा यशवंत राव होल्कर के संग्रह का हिस्सा था यह हीरा
यह नाशपाती के आकार वाला हीरा भारत की राजशाही से जुड़ा हुआ है। क्रिस्टीज के अनुसार, यह हीरा इंदौर के महाराजा यशवंत राव होल्कर के पास था, जो 1920-30 के दशक में अपनी शानदार जीवनशैली और अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए मशहूर थे।
महाराजा यशवंत राव के पिता ने इसे पेरिस के प्रसिद्ध ज्वेलरी ब्रांड शॉमेट से खरीदा था। 1923 में उन्होंने शॉमेट से ही 23 कैरेट के नीले हीरे को जड़वाकर एक ब्रेसलेट बनवाया था।
1933 में महाराजा यशवंत राव ने मॉबूसेन को अपना आधिकारिक जौहरी नियुक्त किया। मॉबूसेन ने इस हीरे को एक नए डिजाइन में ढाला और एक लंबे हार में गोलकोंडा ब्लू और इंदौर पियर्स हीरे को जड़ा।
हैरी विंस्टन ने नए डिजाइन में बेचा, अब 80 साल बाद फिर नीलाम
1946-47 में ‘किंग ऑफ डायमंड’ कहे जाने वाले मशहूर अमेरिकी जौहरी हैरी विंस्टन ने इंदौर पियर्स और गोलकोंडा ब्लू हीरे को खरीदा। उन्होंने इसे एक ब्रोच में सेट किया, जिसमें 23 कैरेट का सफेद हीरा भी जड़ा हुआ था। इस ब्रोच को बाद में बड़ौदा के महाराजा ने खरीदा, लेकिन हैरी विंस्टन ने इसे फिर से खरीदकर नए डिजाइन में बेच दिया।
लगभग 80 साल बाद यह दुर्लभ हीरा एक बार फिर सार्वजनिक नीलामी में आया है और दुनिया भर के संग्रहकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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