- थाईलैंड को 24 घंटे में मिला दूसरा कार्यवाहक प्रधानमंत्री
- फुमथम वेचायाचाई ने सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट की जगह ली
- ऑडियो लीक मामले में पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा को हटाया गया
बैंकॉक। थाईलैंड की राजनीति एक बार फिर अस्थिरता के दौर में पहुंच गई है। मात्र 24 घंटे के भीतर देश को दो कार्यवाहक प्रधानमंत्री मिल चुके हैं। गुरुवार को गृह मंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जिन्होंने सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट की जगह ली है। सूर्या को बुधवार को पीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
पीएम पाइतोंग्तार्न को ऑडियो लीक के बाद हटाया गया
थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री पैतोंग्तार्न शिनावात्रा को 1 जून को एक ऑडियो लीक मामले में नैतिकता के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए पद से हटाया गया था। उस ऑडियो में वे कंबोडिया के वरिष्ठ नेता हुन सेन को ‘चाचा’ कहती हैं और थाई सेना प्रमुख की आलोचना करती सुनाई देती हैं। इस टिप्पणी को सीमा विवाद की संवेदनशीलता के चलते गंभीर माना गया और अदालत ने इसे मंत्री पद की मर्यादा के खिलाफ बताया।
शिनवात्रा परिवार: सत्ता और संघर्ष का इतिहास
थाईलैंड की राजनीति में शिनवात्रा परिवार का प्रभाव 2001 से रहा है, जब थाकसिन शिनवात्रा प्रधानमंत्री बने। गरीबों और ग्रामीणों के लिए जनकल्याण योजनाओं के चलते वे बेहद लोकप्रिय हुए, लेकिन सेना और शहरी वर्ग के लिए चुनौती बन गए। 2006 में तख्तापलट कर उन्हें हटा दिया गया।
इसके बाद उनकी बहन यिंगलक शिनवात्रा 2011 में प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन उन्हें भी 2014 में सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में हटा दिया गया और फिर सेना ने सत्ता संभाली।
2023 में फिर से सत्ता में लौटा शिनवात्रा परिवार
2023 में थाकसिन की बेटी पैतोंग्तार्न शिनावात्रा के नेतृत्व में फेउ थाई पार्टी ने सत्ता में वापसी की। लेकिन ऑडियो विवाद और विपक्षी दलों के भारी विरोध के कारण गठबंधन में दरार आ गई और उन्हें पद से हटना पड़ा।
अब सत्ता में कौन?
थाई राजा महा वजीरालोंगकोर्न द्वारा नियुक्त मंत्रिमंडल की पहली बैठक में फुमथम वेचायाचाई को नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया। अब थाईलैंड एक बार फिर स्थिर सरकार की तलाश में है।
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