- क्यों हुआ अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर का अंत?
- जिनेवा में क्या तय हुआ अमेरिका और चीन के बीच?
- टैरिफ कटौती से किसे कितना फायदा मिलेगा?
वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से जारी टैरिफ वॉर पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। दोनों देशों ने जिनेवा में एक अस्थायी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत 115% तक टैरिफ में कटौती की जाएगी। यह समझौता अगले 90 दिनों तक लागू रहेगा।
फिलहाल अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145% टैरिफ और चीन ने अमेरिकी सामान पर 125% टैरिफ लगाया हुआ था। समझौते के बाद अब चीन पर अमेरिका की ओर से 30% और अमेरिका पर चीन की ओर से 10% टैरिफ ही रह जाएगा।
ट्रेड वॉर की वजह से दोनों देशों को हुआ था भारी नुकसान
पिछले कुछ वर्षों से चले आ रहे इस टैरिफ वॉर की वजह से दोनों देशों को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लगा। करीब 610 बिलियन डॉलर के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार पर टैरिफ का सीधा असर पड़ा। अमेरिका में रिटेल उत्पादों की कीमतें बढ़ने से कंज्यूमर खर्च घटा, जबकि चीन की फैक्ट्रियों में मांग घटने से उत्पादन धीमा हो गया।
ग्लोबल मंदी की आशंका ने बढ़ाई चिंताएं
टैरिफ वॉर की वजह से वैश्विक बाजारों में भी अस्थिरता देखने को मिली। सप्लाई चेन में बाधाएं आईं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ा। इससे दुनिया भर में मंदी की आशंका गहरा गई थी। अंतरराष्ट्रीय दबाव भी दोनों देशों पर बढ़ रहा था कि वे तनाव को कम करें।
व्यापार घाटा और घरेलू दबाव बना वजह
अमेरिका ने चीन के साथ 1.2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया था। इसके चलते टैरिफ कटौती की दिशा में बातचीत शुरू हुई।
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