- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: रणवीर अलाहबादिया को राहत
- कानूनी संकट में फंसा यूट्यूबर, कोर्ट ने दी अहम राहत
- महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क करने का निर्देश, जानिए रणवीर की अगली योजना
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अपना पासपोर्ट वापस पाने की अनुमति दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह राहत तब दी, जब उन्हें बताया गया कि असम और महाराष्ट्र में उनके खिलाफ चल रही जांच पूरी हो चुकी है। हालांकि, कोर्ट ने अलाहबादिया को निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट लेने के लिए महाराष्ट्र साइबर पुलिस से संपर्क करें।
एक स्थान पर सभी केसों की सुनवाई पर विचार करेगा कोर्ट
पीठ ने अलाहबादिया के वकील और सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि वह उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज विभिन्न एफआईआर को एक साथ जोड़कर एक ही जगह सुनवाई करने की गुजारिश पर अगली बार विचार करेगी। अलाहबादिया ने 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तीन मांगें रखी थीं:
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देशभर में उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों की सुनवाई एक ही जगह हो।
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उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिले।
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उनका पासपोर्ट वापस मिले, क्योंकि उनकी आजीविका विदेशी हस्तियों के इंटरव्यू पर निर्भर है।
“भाषा विकृत, दिमाग गंदा”: कोर्ट ने लगाई थी फटकार
17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को गिरफ्तारी से राहत दी थी, लेकिन उनकी विवादित टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी जताई थी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, “आपकी भाषा विकृत है और दिमाग गंदा है। इससे न केवल अभिभावक, बल्कि बेटियां और बहनें भी शर्मिंदा हुई हैं।”
“इंडियाज गॉट लेटेंट” विवाद क्या है?
8 फरवरी को यूट्यूब शो “इंडियाज गॉट लेटेंट” के एक एपिसोड में अलाहबादिया ने माता-पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद देशभर में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हुईं। विवाद बढ़ने पर होस्ट समय रैना को शो के सभी एपिसोड हटाने पड़े।
अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। साथ ही, कोर्ट ने आदेश दिया कि अलाहबादिया के खिलाफ इस मामले में कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।








