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झुग्गियों से मकानों तक का सफर—प्रधानमंत्री आवास योजना दे रही है नई पहचान
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हर आवेदन में छुपा है एक सपना, जो अब हकीकत बनने को है तैयार
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गरीबों को मिलेगा अपना आशियाना, प्रशासन ने बढ़ाया सर्वेक्षण कार्य में तेज़ी
अम्बेडकरनगर। अम्बेडकरनगर की गलियों में बहती हवा अब एक नई कहानी कह रही है—कच्चे मकानों से पक्के आशियानों की ओर बढ़ते सपनों की कहानी। सरकार की ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)’ ने उन हज़ारों लोगों के मन में उम्मीदें जगाई हैं, जो बरसों से खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर थे।
की गलियों में बहती हवा अब एक नई कहानी कह रही है—कच्चे मकानों से पक्के आशियानों की ओर बढ़ते सपनों की कहानी। सरकार की ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)’ ने उन हज़ारों लोगों के मन में उम्मीदें जगाई हैं, जो बरसों से खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर थे।
अब तक 25,069 आवेदन, 2,200 परिवारों की प्रारंभिक पात्रता तय
जनपद की तीन नगर पालिकाओं और चार नगर पंचायतों से अब तक कुल 25,069 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। प्रशासन की ओर से गठित सर्वेक्षण टीमें घर-घर जाकर पात्रता जांच में जुटी हैं और करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इनमें से 2,200 परिवारों को प्रारंभिक पात्रता सूची में शामिल किया गया है।
ईंट, गारा और छत से बढ़कर है योजना का उद्देश्य
यह योजना सिर्फ मकान निर्माण नहीं, बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन की पहली सीढ़ी है। वर्षों से सड़क किनारे, झोपड़ियों या किराए के कमरों में रहने वाले परिवार अब स्थायी घर की ओर बढ़ रहे हैं।
हर आवेदन में छुपी है एक संघर्ष की कहानी
हर एक आवेदन किसी ढही हुई दीवार, कर्ज़ में डूबे व्यापार या एक मां की अधूरी प्रार्थना को बयां करता है। प्रशासन इस प्रक्रिया को साफ़, पारदर्शी और निष्पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
सख्त निगरानी में पात्रता परीक्षण
जिला प्रशासन की निगरानी में सर्वेक्षण के दौरान निवास की स्थिति, आर्थिक हालात, पारिवारिक संरचना और दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई ग़लत लाभ न उठा सके
अधिकारी का बयान: ‘पात्रता में कोई समझौता नहीं’
नगरीय विकास अभिकरण की प्रभारी अधिकारी बीना सिंह ने बताया, “हमारी प्राथमिकता है कि केवल वास्तविक पात्रों को ही योजना का लाभ मिले। पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कार्य हो रहा है। किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अंतिम सूची के बाद शुरू होगा निर्माण कार्य
प्रशासन का कहना है कि शेष सर्वेक्षण पूर्ण होते ही अंतिम सूची तैयार कर, पात्र लाभार्थियों को आवास निर्माण प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। शासन ने बजट व दिशा-निर्देश पहले ही पारित कर दिए हैं।
अब ख्वाब दीवारों में बदलने को तैयार
यह योजना उन लोगों के लिए है, जिन्होंने अब तक केवल दूसरों के घर देखे हैं। अब उनके अपने सपनों को ईंट, खिड़की और छत में ढलने का मौका मिल रहा है। सवाल यह है—कितनों की किस्मत बदलेगी, और कितनों को पहली बार सुकून की नींद मिलेगी?








