अम्बेडकरनगर में तेजी से बढ़ रहा आंखों का चश्मा नंबर

अम्बेडकरनगर। हवा और वातावरण में बढ़ता प्रदूषण अब हमारी आंखों की रोशनी के लिए गंभीर खतरा बन गया है। मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अमित पटेल ने बुधवार को बताया कि बच्चों और युवाओं में आंखों की कमजोरी आम हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले 10 वर्षों में कॉर्नियल डैमेज के मामले दोगुने तक बढ़ सकते हैं।

प्रदूषण और आंखों की उम्र: कारण और प्रभाव

डॉ अमित पटेल ने बताया कि धूल कण, जहरीले कीटनाशक, रासायनिक तत्व, भारी धातुएं, वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला विषाक्त धुआं आंखों की कार्निया (नेत्र पटल) को तेजी से क्षतिग्रस्त कर रहा है। कार्निया की पारदर्शिता प्रभावित होने के कारण नजर धुंधली हो रही है और आंखों में जलन, रूखापन, आंसुओं की कमी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने बताया कि जिन लोगों को चश्मा है, उनके नंबर पहले की तुलना में दो से तीन गुना तेजी से बदल रहे हैं। यह बदलाव मुख्य रूप से प्रदूषित हवा के कारण कार्निया की ऊपरी परत के धीरे-धीरे घिसने से हो रहा है। विशेष रूप से पीएम 2.5 का उच्च स्तर आंखों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को 5 साल तक तेज कर देता है।

कृषक वर्ग और आंखों की समस्याएं

डॉ अमित पटेल ने कहा कि खेतों में काम करने वाले लगभग 30% लोग आंखों की किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं। रासायनिक प्रदूषण इसके लिए सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण तत्व आंखों में माइक्रो स्क्रैच पैदा करते हैं, जिससे अपवर्तन शक्ति अस्थिर हो जाती है और चश्मा तेजी से बढ़ता है।

Related Posts

कटका थाना क्षेत्र में गोविंद साहब मेला का सुरक्षा निरीक्षण

अम्बेडकरनगर: रविवार को कटका थाना क्षेत्र में चल रहे गोविंद साहब मेले का निरीक्षण पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर. शंकर ने किया। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक ने ड्यूटीरत पुलिस बल…

Continue reading
अंबेडकरनगर में 77% से अधिक डिजिटलाइजेशन

अंबेडकरनगर। यूपी में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को लेकर आज बड़ा अपडेट सामने आया है। बीएलओ पर बढ़ते कार्यभार और फील्ड स्तर पर दबाव को देखते हुए…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *