“खान मुबारक को खत्म करने से खान मुबारक का वजूद खत्म नहीं होगा। खान मुबारक एक खत्म न होने वाली ऑरगेनाइजेशन का नाम है। जिस दिन खान मुबारक पर हमला हुआ। उस दिन खाकी और खादी कोई बख्शा नहीं जाएगा।” ये फिल्मी डॉयलाग नहीं, अयोध्या जेल से बंद खान मुबारक ने अपना वीडियो वायरल कराया था। हरदोई जेल में खान मुबारक की निमोनिया (सेप्टीसीमिया) जैसी बीमारी से मौत की खबर के बाद गैंगस्टर फिर सुर्खियों में आया है।
अंपायर को गोली मारी, फिर क्राइम की दुनिया में उतर गया
यूपी के एक छोटे से जिले अंबेडकरनगर के हंसवर थाना क्षेत्र के हरसम्हार गांव में खान मुबारक रहता था। खान मुबारक के पिता रजी आलम चकबंदी विभाग में लेखपाल थे। उन्होंने खान मुबारक को स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रयागराज भेजा, लेकिन उसका रुझान अपराध की तरफ था। एक क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर को गोली मार दी। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसमें साथ दिया उसके बड़े भाई जफर सुपारी ने, जिसने 15 साल की उम्र में ही हत्या कर अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था।
प्रयागराज को बनाया ठिकाना, मुन्ना बजरंगी से थी दुश्मनी
STF ने 27 जुलाई 2017 को खान मुबारक (40) को लखनऊ में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह सलाखों के बाहर नहीं आ सका। सबसे बड़ी बात यह है कि उसके खिलाफ 33 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, लेकिन आज तक उसको किसी मामले में सजा नहीं हुई है।
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