नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले में जांच की निगरानी का जिम्मा उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को देने के पर शुक्रवार को निर्णय नहीं लिया जा सका और इस मामले में सोमवार हो फैसला सकता है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन , न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की गुजारिश पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी। शीर्ष न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजीत सिंह और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नाम सुलझाये थे।
पीठ ने दोनों न्यायाधीशों में से किसी एक से जांच की निगरानी का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर वकील हरीश साल्वे ने सुनवाई शुरू होते ही पीठ के समक्ष कहा, “ वह कुछ काम कर रहे हैं। सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी जाए।” पिछली सुनवाई के दौरान उन्होंने पीठ को आश्वस्त किया था कि सरकार लखीमपुर खीरी मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत की ओर से सुझाए गए न्यायाधीशों के नाम के बारे में शुक्रवार को अपनी राय देगी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली यह खंडपीठ अब तक हुई सुनवाईयों के दौरान योगी आदित्यनाथ की सरकार की जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए कई बार फटकार लगा चुकी है। शीर्ष न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान प्रथम दृष्टया एक आरोपी को बचाने की कोशिश करने समेत कई सवाल सरकार पर खड़े किए थे।
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