जौनपुर। अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा 1947 में मिली आजादी को भीख बताने के बयान को भावनायें आहत करने वाला वक्तव्य बताते हुये उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मुकदमा दर्ज कर अदालत में तलब करने की अर्जी दाखिल की गयी है।
जौनपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय की अदालत में रनौत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अर्जी पेश की गयी है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 29 नवंबर तिथि नियत की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता विकास कुमार तिवारी ने रनौत के खिलाफ परिवाद दाखिल किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि गत 11 नवंबर को मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की जानकारी मिली। इसमें वह वर्ष 1947 में मिली देश की आजादी को भीख में मिली आजादी बता रही थी। रनौत ने दलील दी कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली है।
शिकायतकर्ता ने दलील दी कि रनौत ने ऐसा वक्तव्य इसलिए दिया कि आजादी के लिए कुर्बानियां देने वाले अपमानित हों। समाज में उत्तेजना तथा उन्माद को बढ़ावा मिले, देश की एकता एवं अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े और देश गृह युद्ध की तरफ जाए।
शिकायत में रनौत पर 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में भी अपशब्द कहे जाने का हवाला देकर देश में अराजकता का माहौल पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। उनके इस वक्तव्य से शिकायतकर्ता की भावनाएं आहत होने का हवाला देते हुये वादी ने प्रतिवादी को तलब कर दंडित करने की कोर्ट से मांग की है।
More Stories
माफिया मुख्तार का शव लेकर गाजीपुर के लिए रवाना हुआ काफिला
ओवैसी ने न्यायिक हिरासत में मुख्तार अंसारी की मौत पर उठाए सवाल
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन