ढाका। बंगलादेश के विदेश मंत्री ए.के. अब्दुल मोमेन ने कहा है कि भारत और बंगलादेश दोनों सरकारें नहीं चाहती हैं कि लोग सीमा पर मारे जाएं] लेकिन विभिन्न स्तरों पर हो रही बातचीत के बावजूद जारी हत्याएं बंगलादेश के लिए दुखद और भारत के लिए शर्मनाक हैं।
श्री मोमेन ने शनिवार को गोपालगंज के तुंगीपारा में बंगबंधु की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “भारत और बंगलादेश की सरकारें नहीं चाहतीं कि लोग सीमा पर मरें । दोनों देशों की सरकारों ने मुलाकात कर अलग-अलग स्तरों पर वार्ता की है । इन सबके बावजूद सीमा पर हत्याओं के मामले जारी हैं, जो बंगलादेश के लिए दुखद और भारत के लिए शर्मनाक है।’
विदेश मंत्री इस समारोह में सिलेट मेट्रोपॉलिटन अवामी लीग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर श्री मोमेन ने कहा, ‘दुनिया के तमाम देशों ने कहा है कि रोहिंग्याओं को अपने देश लौट जाना चाहिए। संकल्प पहले ही पारित किया जा चुका है। हम इतने लंबे समय से यही करने का प्कोरयास कर रहे हैं। हमारा मानना है कि इससे म्यांमार पर रोहिंग्याओं को वापस लाने का दबाव बनेगा। इससे पहले, म्यांमार ने रोहिंग्याओं को वापस बुलाने का वादा किया था, लेकिन वह अपनी बात पर अडिग नहीं रहे।”
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