नयी दिल्ली । वाधवानी फाउंडेशन ने ढाई साल में ग्रामीण भारत की दस हजार महिलाओं के सशक्तिकरण और सहयोग के लिए फ्रंटीयर मार्केट्स के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। फाउंडेशन ने शनिवार को बताया कि गांवों की इन स्थानीय महिलाओं को ‘सरल जीवन सहेलियां’ कहा जाता है। इन्हें चुनकर नौकरी दी जाएगी, काम सिखाया जाएगा और फिर आजीविका कमाने का मौका मुहैया कराया जाएगा। ग्रामीण समुदाय में सहेलियों का योगदान प्रभावित करने के लिहाज से अभिन्न होता है, खासकर उनके अपने गांवों में। इसलिए, आय के उनके मौकों को बेहतर करके वाधवानी फाउंडेशन और फ्रंटीयर मार्केट्स का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की संपूर्ण गुणवत्ता को बेहतर करना तथा बच्चों के भविष्य में निवेश करने के योग्य बनाना है।
वाधवानी फाउंडेशन इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी संजय शाह ने कहा, “वाधवानी फाउंडेशन फ्रंटीयर मार्केट्स के साथ साझेदारी करके उत्साहित है। वर्ष 2011 में सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा और कृषि उत्पाद बेचने से लेकर अभी तक वे कई श्रेणियां शामिल कर पाए हैं। इनमें कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्टस और आवश्यक सेवाएं शामिल हैं। इसके लिए लिए उनके सामाजिक वाणिज्यिक प्लैटफॉर्म को आगे बढ़ाया गया और ग्रामीण उपभोक्ताओं को ठीक से जाना समझा गया। फ्रंटीयर मार्केट उस तरीके को बदल रहा है जिससे गावों में उत्पादों और सेवाओं को खरीदा जाता है तथा जिस ढंग से देश भर में कारोबार किया जाता है। इसके लिए ग्रामीण महिलाओं की सेल्स फोर्स (या सहेलियां) है जो स्मार्टफोन और उपभोक्ताओं से संबंधित अच्छी जानकारी से युक्त हैं।”
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