दुबई। एडम ज़म्पा देखते हैं कि फ़ख़र ज़मान आ रहे हैं। वह 60मील प्रति घंटा या 96किमी प्रति घंटा की गति से तेज़ लेग ब्रेक डालते हैं, जो पिच पर स्किड होकर आती है और वह इसको सिंगल के लिए डीप मिडविकेट की दिशा में धकेल देते हैं। ज़म्पा सेमीफ़ाइनल के 16वें ओवर में केवल पांच सिंगल्स ही देते हैं और छह मैचों में यह पांचवां मौक़ा होता है जब वह अपने चार ओवरों में 24 रनों से कम देते हैं। लेग स्पिन क्रिकेट की सबसे भावपूर्ण और दिमाग से की जाने वाली कला है, लेकिन ज़म्पा का तरीक़ा शांत और स्पष्ट है। उनके छोटे कद का मतलब है कि वह गेंद को पिच के बाहर से स्किड कर सकते हैं, जो कि उनका सबसे बड़ा हथियार है।
वह ऐसी लंबाई पर गेंदबाज़ी करते हैं, जिससे दूर जाना मुश्किल हो। उनकी गेंदबाज़ी और मैदान के बाहर उनके रंगीन व्यक्तित्व के बीच का अंतर इस टूर्नामेंट के लिए उनके बाल कटवाने से स्पष्ट होता है यानि : पहले काम और बाद में पार्टी। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ज़म्पा पावरप्ले के तुरंत बाद आते हैं और वह आक्रमण और डिफेंस के बीच में संतुलन बनाकर रखते हैं, जहां पर बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान सेट हो चुके थे और अच्छे स्कोरिंग रेट से रन बनाना अभी बाक़ी था। उन्होंने रिज़वान से दूर दो बार गेंद झुलाई।
ऐसी गेंद जो उनकी आंखों से ऊपर आई लेकिन वह भूल गए थे कि रिज़वान को स्लॉग स्वीप मारने में महारथ हासिल है। रिज़वान ने उनकी इस गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगा दिया। बाबर के लिए उन्होंने ओवर पिच की, ऐसी गेंद जिससे वह गेंद के ऊपर नहीं आ सके, इसका सबूत बाबर के विकेट में दिखता है।
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